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Rekha Vyalapalli – There Is A Real Need To Fill The Empty Plates Of The Needy

जरूरतमंदो के खाली प्लेटों को भरने की है असली जरूरत : रेखा व्यालपल्ली
लॉकडाउन में फँसे हज़ारों बिहार,झारखंड और यूपी के मज़दूर को रोज़ भोजन करा रही “रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट”
हैदराबाद। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के दौरान हैदराबाद और आसपास के शहरों में हजारों की संख्या में बिहार,झारखंड और यूपी के मजूदर फंसे हैं। इन श्रमिकों के सामने खाने-पीने की समस्या आ गई है। इन श्रमिकों की मदद के लिए कई सामाजिक संस्था आगे आई है। इनमें भारतीय टेनिस खिलाड़ी रेखा व्यालपल्ली के नेतृत्व में सामाजिक संगठन “रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट” दिनरात भरपूर सहयोग करने में लगा है। रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट प्रतिदिन संकट में फंसे इन जरूरतमंद हज़ारों लोगो को खाद्य सामग्री किट मुहैया करा रहा है।
संस्था के संस्थापक रेखा व्यालपल्ली ने बताया कि करीब बीस हजार श्रमिकों के बीच खाद्य सामग्री किट का वितरण किया जा चुका है और हर रोज़ लगभग दो हज़ार लोग इसका लाभ लें रहें हैं। इस किट में चावल, आटा, दाल, आलू, प्याज, नमक, मसाला, तेल और चना शामिल है। रेखा आगे बताती हैं की संकट के इस घड़ी मे सभी लोग परेशान हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं की परेशानी क़ुछ ज़्यादा ही है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए संस्था की ओर से एक विशेष किट की व्यवस्था की गयी है जिसमें एक कैरेट अंडे,ड्राय फ़्रूट,हरी सब्ज़ियाँ,बोर्नविटा,ब्रेड,मास्क़ और सेनिटाइज़र इत्यादि है।
रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट बच्चों का विशेष ख़्याल रखते हुए अंडे,ब्रेड,दूध, हिमालया बेबी केयर किट और जोंशन बेबी किट  का वितरण कर रही हैं।
हैदराबाद में फंसे बाँका,बिहार निवासी अभिमन्यु कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पैसे की कमी हो गई है खाने-पीने का भी सामान समाप्त हो गया। वे कई लोगों के साथ मज़दूरी करते थे। अभिमन्यु के मुताबिक रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट के लोगों ने उनकी सहायता की। बनारस निवासी मदन साहनी हैदराबाद में झरिया निवासी बिंदेश्वर चौपाल और अपने कुछ साथियों के साथ कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे और लॉकडाउन के दौरान ठेकेदार ने फोन उठाना बंद कर दिया। इसके बाद संस्था के अधिकारियों से संपर्क साधा गया। संस्था की पूरी टीम ने खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई।

     
रेखा ने बताया कि खाने-पीने के साथ जरूरतमंद लोगो को ढूंढने में  संस्था के पदाधिकारी दिन रात लगे हुए हैं। इसी प्रकार दर्जनों कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में भी लगे हुए हैं। राहत सामग्री बाँटने के दौरान सोशल डिसटेंडिंग का पुरा ख़्याल रखा जाता है। जिसे मेंटेन रखने के लिए रेखा ने एक नायब तरीक़ा इख़्तियार किया है । वो अपने साथ साईकिल के टायर रखती हैं और हर एक मीटर की दूरी पर ज़रूरत मंदो को टायर के भीतर ही रह कर राहत सामग्री का लाभ लेना होता है। रेखा कहती हैं संकट के इस समय  में अधिक से अधिक ज़रूरत मंदो की हम मदद कर पायें यही हमारा लक्ष्य है। रेखा आगे कहती हैं, ‘‘इस समय गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करने और खाली प्लेटों को भरने की असली जरूरत है। बिहार के हज़ारो लोग जो लॉकडाउन में फँस चुके हैं उनके लिए आज रोज़मर्रा की ज़िंदगी जीना बहुत कठिन है। अब वो समय आ गया जब इंसान इंसान के मदद को आगे आए और क्षेत्रवाद ना करते हुए हर इंसान की मदद करें।

—–Sarvesh Kashyaph